आखातीज पर बाल विवाह रोकथाम को जनजागृति पर जोर

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बाड़मेर, 21 अप्रेल। जिले में आगामी अक्षय-तृतीया एवं पीपल पूर्णिमा के पर्वों पर बाल विवाहों के आयोजन की संभावना को देखते हुए जिला कलक्टर एवं जिला मजिस्टेªट लोक बंधु ने समस्त उपखण्ड अधिकारियों को अपने क्षेत्रों में होने वाले विवाहों की सूचना एकत्रित कर बाल विवाह रोकथाम सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है।
जिला कलक्टर एवं जिला मजिस्टेªट लोक बंधु ने बताया कि इस बार 3 मई को अक्षय तृतीया एवं 16 मई को पीपल पूर्णिमा पर्व आने वाले है, जिन पर बाल विवाह के आयोजनों की प्रबल संभावनाएं रहती है। उन्होने समस्त उपखण्ड अधिकारियों को बाल विवाह रोकथाम के लिए अपने कार्यालयों में कन्ट्रोल रूप स्थापित कर अपने क्षेत्र में आयोजित होने वाले समस्त विवाहों की सूचना ग्राम विकास अधिकारी एवं पटवारियों के माध्यम से एकत्र करने के निर्देश दिए है। उन्होने इस दौरान प्राप्त होने वाली बाल विवाह संबंधित शिकायतों पर प्राथमिकता के साथ तत्काल कार्यवाही करने के निर्देश दिए है। उन्होने बताया कि समस्त उपखण्ड मजिस्ट्रेट्स हो बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अन्तर्गत बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी नियुक्त किया गया है। अतः वे उक्त अधिनियम की धारा 16 (3क) के प्रावधान अनुसार अपने क्षेत्र में बाल विवाह के अनुष्ठापन के विरूद्ध कार्यवाही कर निवारण करना सुनिश्चित करेंगे।

बाल विवाह रोकथाम का हो व्यापक प्रचार-प्रसार –

जिला कलक्टर लोक बंधु ने आगामी पर्वों पर बाल विवाह के प्रभावी रोकथाम के लिए ग्राम एवं तहसील स्तर पर पदस्थापित विभिन्न विभागों के कार्मिकों, वृताधिकारियों, थानाधिकारियों, पटवारी, भू-अभिलेख निरीक्षक, ग्राम पंचायत सदस्य, ग्रामसेवक, कृषि पर्यवेक्षक, महिला अधिकर अभिकरण, महिला एवं बाल विकास के परियोजना अधिकारीगण, पर्यवेक्षक, आंगनबाडी कार्यकर्ता, शिक्षा विभाग के शिक्षकगण, नगर परिषद के कर्मचारी, जिला परिषद एवं पंचायत समिति सदस्य, सरपंच एवं वार्ड पंच के माध्यम से बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के प्रावधानों का व्यापक प्रचार-प्रसार करने एवं आमजन में जनजाग्रति लाने का कार्य सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है।

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