बॉयोमेट्रिक पर अंगूठा लगाने से किसानों को हुआ कोरोना का खतरा

  • ऋण वितरण में प्रशासन की बेरुखी कहीं नहीं पड़ जाए भारी

  • विधायक वीडियो कान्फ्रेंस में उठा चुके हैं मुद्दा

जालोर 29 अप्रैल। एक ओर देश कोरोना वैश्विक महामारी की रोकथाम में पूरी तरह जुटा हुआ है। वहीं दूसरी ओर सरकार एवं प्रशासन की बेरुखी कहीं किसानों व सहकारी समिति कार्मिकों पर भारी नहीं पड़ जाए। क्योंकि सहकारिता विभाग की ओर से किसानों को मुहैया कराए जाने वाला अल्पकालीन फसली ऋण पोश मशीन (बॉयोमेट्रिक मशीन) पर अंगूठा लगाकर ही वितरित किया जा रहा है। ऐसे में यदि कहीं एक व्यक्ति भी कोरोना पॉजीटिव हुआ तो मुश्किलें पैदा हो सकती हैं। इससे ग्राम सेवा सहकारी समिति कार्मिक व ऋण लेने पहुंच रहे किसान भी खासे परेशान हैं। गौरतलब है कि गत वर्ष हुई वीडियो कान्फ्रेंस में आहोर विधायक छगनसिह राजपुरोहित ने मुख्यमंत्री से बॉयोमेट्रिक मशीन के जरिये ऋण वितरण पर रोक लगाए जाने की भी मांग उठाई थी, लेकिन इसके बाद भी अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। खास बात यह है कि किसानों व सहकारी समिति कार्मिकों का बीमा भी नहीं है। ऐसे में यदि किसी की मौत हो गई तो बीमा राशि के रूप में मिलने वाले आर्थिक लाभ से भी परिवार को वंचित रहना पड़ेगा। किसानों को साल में दो बार ऋण मुहैया कराया जाता है। एक बार तो खरीफ एवं दूसरी बार रबी अल्पकालीन फसली ऋण दिया जाता है। यह ऋण मार्च माह में जमा कराया जाता है अप्रेल माह से किसानों को फिर से ऋण का वितरण किया जाता है। इसमें बॉयोमेट्रिक मशीन पर अंगूठा भी दो बार लगाया जाता है। हालांकि किसानो ने भी कोरोना संक्रमण के चलते बॉयोमेट्रिक मशीन से ऋण वितरण नहीं किए जाने की मांग की थी। अब ऋण जमा किए जाने में राहत देनी चाहिए। किसान आर्थिक बोझ में नहीं दबेंगे।

कछुआ चाल से हो रहा है ऋण वितरण

जालोर जिले में कुल 167 सहकारी समितियों में 93 हजार 979 किसान जुड़े हुए हैं। इनमें आहोर 17420, जालोर 9689, अरणाय 6197, भीनमाल 5679, चितलवाना 8714, धुम्बड़िया 6668, जसवंतपुरा 2536, मेंगलवा 8546, रामसीन 4903, रानीवाड़ा 8976, सांचौर 7938 एवं सायला बैंक की सहकारी समिति के अधीन 6713 किसान जुड़े हुए हैं। जबकि अभी तक आहोर में 0.98, चितलवाना में 0.8, धुम्बड़िया 0.15, मेंगलवा 0.2, एवं अन्य शाखाओं में 0 फीसदी लोगों को ऋण वितरण नहीं हुआ है। ऐसे में सहकारिता विभाग की ओर से कछुवा चाल से ऋण वितरण किया जा रहा है।

समिति कर्मचारियों का बीमा भी नहीं कराया गया है। संक्रमण फैलने का अंदेशा बना रहता है। प्रशासन को भी अवगत करा दिया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होने पर कार्मिक मजबूरी में काम कर रहे हैं।
हनुमानसिह राजावत जिलाध्यक्ष राजस्थान सहकारी कर्मचारी संघ

ये है सहकारी समितियों की स्थिति

  • 6500 राज्य में सहकारी समितियां
  • 28 लाख 66 हजार किसान समितियों से जुड़े
  • 167 जालोर जिले में सहकारी समितियां
  • 93979 जिले में जुड़े हैं किसान
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