सहकारी समितियों की कार्यशैली पर अब लगने लगा सवालिया निशान ?

सिरोही 23 जुलाई । केन्द्रीय सहकारी बैंक सिरोही की शाखा सरुपगंज अंतर्गत कार्यरत ग्राम सेवा सहकारी समितियों का संचालन दिन-ब-दिन कठिन होता जा रहा है । इसका कारण रहा है कि इन ग्राम सेवा सहकारी समितियों में अयोग्यताधारी सेल्समैन ही वर्षों से ग्राम सेवा सहकारी समितियों का संचालन कर रहे हैं जो करोड़ों का लेनदेन कर व्यवस्थापक की भूमिका निभा रहे हैं । जो बड़े ही चिंता का विषय है वहीं, पूर्व में नितोड़ा ग्राम सेवा सहकारी समिति में भारी गबन हुआ । पूर्व व्यवस्थापक के खिलाफ कार्रवाई हुई लेकिन क्या इस कार्रवाई से गबन राशि वसूल हुई? लाखों की राशि के गबन के दायरे में अटकने से इस सहकारी समिति की हालत पतली हुई इस प्रकार रोहिड़ा ग्राम सेवा सहकारी समिति में भी पूर्व समय में लाखों के गोलमाल होना, सहकारी समिति की आर्थिक स्थिति खराब करने, जैसे कर्तव्यों पर नजर डालें तो इस क्षेत्र की सहकारी समितियों पर सवालिया निशान खड़ा होता है ? प्रश्न उठता है कि कौन, कब, कितना गबन कर डाले इसकी कोई गारंटी नहीं है वहीं, इस वर्ष ऋण वितरण वसूली के आंकड़ों पर नजर डालें तो स्वतः खुलासा हो रहा है कि कौन, कितनी मेहनत से कार्यकुशल है । कई व्यवस्थापक ऐसे हैं कि उन्हें यह मालूम नहीं कि उनकी सहकारी समिति में कितने सदस्य हैं, सदस्यों की कितनी हिस्सा राशि समिति में जमा है । कितने सदस्यों को ऋण वितरण हुआ । कुछ सहकारी समितियां सेल्समैनों के भरोसे, तो कुछ सहकारी समितियों के व्यवस्थापक अपने कर्तव्य से लापरवाह, जिससे इन सहकारी समितियों का भविष्य दिनों-दिन बिगड़ता ही नजर आ रहा है । वैसे नव नियुक्त कार्यवाहक मैनेजिंग डायरेक्टर नारायणसिंह चारण का बार-बार दौरा एवं सख्त रवैया होने से स्थिति सुधर नहीं सकती तो बिगड़ भी नहीं सकती । वही, मैनेजिंग डायरेक्टर नारायणसिंह चारण की सख्त पकड़ से व्यवस्थाओं में सुधार जरूर हुआ है । लेकिन इस क्षेत्र की सहकारी समितियों का भविष्य सुधारना है तो यहां पर योग्यताधारी व्यवस्थापकों की नियुक्ति के साथ साथ तीन साल से ज्यादा एक ही शाखा मे पदस्थापन ऋण पर्यवेक्षक का स्थानांतरण अन्यत्र जिले की शाखा मे करना होगा !………………….

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