पैक्स से लेकर अपैक्स तक एक हॉलिस्टिक अप्रोच के साथ बनाई जा रहीं है सहकारिता नीति – शाह

Cooperative policy is being made with a holistic approach from PACS to APEX – Shah

नई दिल्ली । 9 अगस्त I केन्द्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में गवर्नमेंट ई मार्केटप्लेस (जेम) पोर्टल पर सहकारिताओं की ऑनबोर्डिंग को ई-लॉन्च किया। इस दौरान आज के दिन को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि देशभर की सभी सहकारी समितियों के लिए जेम के दरवाजे खुल गए हैं। वही, सहकारिता क्षेत्र के विस्तार के लिए जेम पोर्टल एक बहुत उपयोगी प्लेटफार्म सिद्ध होगा। सहकारिता मंत्री ने कहा कि पैक्स से लेकर अपैक्स तक एक हॉलिस्टिक अप्रोच के साथ सहकारिता नीति भी बनाई जा रही है। सरकार को सहकारिता का विस्तार करना है लेकिन इसका कोई डेटाबेस ही नहीं है, इसलिए मंत्रालय सभी प्रकार की सहकारी समितियों का एक राष्ट्रस्तर का डेटाबेस भी बना रहा है। यूनिवर्सिटी की स्थापना का काम भी आगे बढ़ा है, इससे नए प्रोफेशनल तैयार होंगे। इस यूनिवर्सिटी में सहकारिता क्षेत्र में काम करने वाले लोगों और नए कर्मचारियों के लिए ट्रेनिंग की व्यवस्था भी उपलब्ध होगी। श्री शाह ने कहा कि एक एक्सपोर्ट हाउस भी रजिस्टर किया जा रहा है जो दिसंबर तक हो पूरा जाएगा। यह देशभर के कोऑपरेटिव को एक्सपोर्ट करने के लिए प्लेटफार्म प्रदान करेगा।

सहकारिता में चुनाव, भर्ती और ख़रीदारी में पारदर्शिता लाना जरूरी 

अमित शाह ने कहा कि अब सहकारिता क्षेत्र के साथ कोई दोयम दर्जे का व्यवहार नहीं कर सकता परंतु हमें भी बदलाव की शुरुआत करनी पड़ेगी, पारदर्शिता की दिशा में आगे जाना होगा और अपने आप को तैयार करना पड़ेगा। सहकारिता के क्षेत्र में पारदर्शिता लाने के लिए जेम पोर्टल बहुत उपयोगी साबित होगा और जब पारदर्शिता होगी तभी किसानों व दुग्ध उत्पादकों का भरोसा भी समितियों और उनके सदस्यों पर बढेगा। श्री शाह ने कहा कि सहकारिता में चुनाव, भर्ती और ख़रीदारी इन तीन क्षेत्रों में पारदर्शिता लाना भी बहुत जरूरी है। ख़रीदारी में पारदर्शिता लाने के लिए जेम से अच्छा और कोई माध्यम नहीं हो सकता। सहकारिता मंत्री ने कहा कि उन्हे विश्वास है कि 5 वर्षों में पारदर्शिता से सरकारी खरीद का यह सफल मॉडल पूरी दुनिया देखेगी।

289 समितियां जुड़ चुकी है

उन्होंने कहा कि लगभग 100 करोड़ रुपए के टर्नओवर में जोड़ी जाने वाली समितियों में 589 राज्य सरकार की थी और आज तक उनमें से 289 समितियां जुड़ चुकी है, साथ ही 54 मल्टी स्टेट कोऑपरेटिव में से 45 जुड़ चुके हैं ,यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि आज जेम का जो विस्तार हुआ है वह अकल्पनीय है, जेम पर करीब 62000 सरकारी खरीदार उपलब्ध हैं और लगभग 49 लाख विक्रेता पंजीकृत हैं। साथ ही लगभग 10,000 से ज्यादा उत्पाद और 288 से ज्यादा सर्विसेज सूचीबद्ध हो चुकी हैं। अब तक 2 लाख 78 हजार करोड़ रुपये का व्यापार भी पूरा हो चुका है जोकि जेम की एक बहुत बड़ी उपलब्धि है।

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