चितलवाना तहसील में रणखार कंजर्वेशन रिजर्व घोषित

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जालोर 25 अप्रेल। राज्य सरकार द्वारा जालोर जिले में चितलवाना तहसील के रणखार ग्राम की 7288.61 हैक्टेयर भूमि का कंजर्वेशन रिजर्व घोषित किया गया है।
उप वन संरक्षक यादवेन्द्र सिंह चूण्डावत ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से सोमवार को वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 की धारा 36क के तहत जालोर जिले में चितलवाना तहसील के रणखार ग्राम की 7288.61 हैक्टेयर भूमि का कंजर्वेशन रिजर्व घोषित किया है। रणखार एक रण क्षेत्र है जो कच्छ के रण हैबिटाट के समरूप है। यह लवणीय एवं दलदली प्रकार का एक अनोखा पारिस्थितिकी तंत्र है जो कच्छ के रण का ही फैला हुआ भू-भाग है। इस पारिस्थितिकी तंत्र में गुजरात राज्य में पहले से ही वाईल्ड आस सेंचुरी घोषित है। राजस्थान में जालोर जिले के रणखार क्षेत्र में विगत कुछ दशकों से जंगली गधा (वाईल्ड आस) की उपस्थिति दर्ज की गई है।
उन्होंने बताया कि पूरे विश्व में जंगली गधा (वाईल्ड आस) की तीन प्रजातियाँ पाई जाती है इनमें से एक अफ्रीका तथा दो एशिया में पाई जाती है। एशिया में मुख्यतः मंगोलिया, चीन, साईबेरिया, ईरान, भारत, भूटान व तिब्बत में पाई जाती है। भारत में पाई जाने वाली प्रजाति का वैज्ञानित नाम ‘‘इकस हेमियोनस खूर’’ है। भारत में यह कच्छ का रण क्षेत्र में ही सीमित है एवं जालोर जिले के रणखार क्षेत्र में भी इसकी उपस्थिति दर्ज की गई है। जंगली गधा वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की अनुसूची 1 में सूचीबद्ध है तथा आईयुसीएन द्वारा इसे ‘‘संकटापन्न श्रेणी’’ में सूचीबद्ध किया गया है। जालोर जिले में कर्न्वेशन रिजर्व की घोषणा से उक्त प्रजाति एवं यहां के पारिस्थितिकी तंत्र के संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा। उल्लेखनीय है कि जालोर जिले में पहले से ही भालूओं के संरक्षण के लिए  ‘‘सुंधा माता कंजर्वेशन रिजर्व’’ घोषित है।
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