जालोर 27 सितम्बर। सिंगल सुपर फॉस्फेट उर्वरक का उपयोग तिलहनी एवं दलहनी आदि फसलों की खेती के लिए वरदान साबित हो रहा है।
कृषि विभाग के उप निदेशक डॉ. आर.बी.सिंह ने बताया कि सिंगल सुपर फॉस्फेट उर्वरक (एसएसपी) एक फॉस्फोरस युक्त उर्वरक है जिसमें 16 प्रतिशत फॉस्फोरस के साथ-साथ 11 प्रतिशत सल्फर भी होता है। इस उर्वरक का प्रयोग तिहलनी एवं दलहनी फसलों के लिए अत्यधिक लाभदायक है क्योंकि सल्फर के उपयोग से तेल वाली फसलों में तेल की मात्रा बढ जाती है। जिले में अभी सरसों, तारामीरा, चना आदि की बुवाई होनी है जिसके लिए सिंगल सुपर फॉस्फेट उर्वरक अत्यन्त लाभकारी है।
सिंगल सुपर फॉस्फेट उर्वरक डीएपी की अपेक्षा सस्ता है एवं बाजार में आसानी से उपलब्ध है। प्रति 50 कि.ग्रा. बैग डीएपी में 23 कि.ग्रा. फास्फोरस एवं 9 कि.ग्रा. नाइट्रोजन पाया जाता है और इसकी कीमत 1350 रू. प्रति 50 कि.ग्रा. बैग है। यदि किसान डीएपी उर्वरक के विकल्प के रूप में 3 बैग प्रत्येक 50 कि.ग्रा. सिंगल सुपर फॉस्फेट उर्वरक एवं एक बैग यूरिया का उपयोग करते है तो इससे 24 कि.ग्रा. फॉस्फोरस, 20 कि.ग्रा. नाइट्रोजन एवं 16 कि.ग्रा. सल्फर पौधों को उपलब्ध होगा और इस विकल्प की कीमत रू. 1617 होगी। सरसों की फसल में 16 किग्रा. सल्फर प्रति हैक्टर की सिफारिश की जाती है। जिसकी कीमत लगभग 1600 रू. होती है। यदि कृषक 1 बैग डीएपी के साथ 16 किग्रा. सल्फर सरसों की फसल हेतु प्रयोग करता है तो इसकी कीमत 2950 रू. होगी जबकि 3 बैग सिंगल सुपर फास्फेट और 1 बैग यूरिया के संयोजन कीमत 1617 रू. ही है और यह संयोजन डीएपी के मुकाबले 1333 रू. सस्ता है।
उन्हांने कृषकों को सलाह दी हैं कि वे डीएपी उर्वरक के स्थान पर 3 बैग सिंगल सुपर फॉस्फेट उर्वरक एव 1 बैग यूरिया का प्रयोग सरसों, चना फसल के लिए करें, जो सस्ता विकल्प होने के साथ ही आसानी से बाजार में उपलब्ध है। इसकी मांग ग्राम सेवा सहकारी समिति/क्रय-विक्रय सहकारी समिति अथवा निजी उर्वरक विक्रेता को देकर उर्वरक प्राप्त किया जा सकता है। अधिक जानकारी के लिए कृषक नजदीकी कृषि कार्यालय में संपर्क करें अथवा निःशुल्क किसान कॉल सेन्टर 18001801551 पर संपर्क कर सकते है।