माउन्ट आबू नगरपालिका में टोकन व्यवस्था तीन सदस्य वाली समिति करेगी- स्वायत्त शासन मंत्री

जयपुर, एक मार्च। स्वायत्त शासन मंत्री श्री शांति कुमार धारीवाल ने सोमवार को विधानसभा में आश्वस्त किया कि माउन्ट आबू नगरपालिका क्षेत्र में टोकन व्यवस्था के लिए आवेदन करने पर उसका फैसला उपखण्ड अधिकारी नहीं करेगाा बल्कि उपखण्ड अधिकारी के साथ कार्यकारी अधिकारी एवं चेयरमैन की एक समिति बनायी जायेगी और तीनो मिलकर इस पर फैसला करेंगे, साथ में 15 दिन में फैसला नहीं करने पर उस आवेदन को स्वीकृत माना जायेगा।श्री धारीवाल शून्यकाल में विधायक श्री संयम लोढा द्वारा माउन्ट आबू नगरपालिका क्षेत्र में नागरिकाें के भवन निर्माण व मरम्मत की लम्बित पत्रावलियों का जोनल मास्टर प्लान के अनुसार बिल्िंडग बाईलाज 2019 की पालना करते हुए निस्तारण करने एवं टोकन व्यवस्था समाप्त करने के सम्बन्ध में लाये गये ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर अपना जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि पूर्व मे संभागीय आयुक्त जोधपुर की अध्यक्षता में गठित समिति में उपखण्ड अधिकारी को भी सदस्य बनाया गया था, लेकिन बाद में यह समिति भंग हो गई और उपखण्ड अधिकारी काम करते रहे।उन्होंने कहा कि यह भी सही है कि टोकन व्यवस्था के दौरान कई तरह की परेशानी भी आती रही है लेकिन यह भी सही है कि इस टोकन व्यवस्था के समाप्त करने पर भी कई दुष्परिणाम होंगे जैसे परिवहन व्यवस्था पर नियन्त्रण नहीं रहेगा, साथ ही कौन किस वाहन में क्या ला रहा है, कितना सामान है , कहां जा रहा है  इसकी जानकारी नहीं रहेगी। उन्होंने यह भी आश्वस्त किया कि अवैध निर्माण की जानकारी सरकार के ध्यान में लाये जाने पर कार्यवाही होती है और आगे भी होती रहेगी।श्री धारीवाल ने माना कि यह सही है कि एक उपखण्ड अधिकारी को इतना अधिकार सम्पन्न नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अब नगरपालिका के चुनाव हो चुके है और भवन निर्माण की स्वीकृति का अधिकार केवल नगरपालिका को है। उन्होंने कहा कि माउन्ट आबू नगरपालिका के लिए टोकन व्यवस्था का फैसला समिति ने किया था, उसके बावजूद भी शिकायतें आ रही है । उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इसके प्रति गम्भीर है और हम चाहते है कि इसमें सुधार होने चाहिए। उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था को बेहतर कैसे बना सकते हे इसके लिए विधायक भी सुझाव दे सकते है। उन्होंने यह भी कहा कि कई कार्यों की मरम्मत के लिए स्वीकृति दी गई लेकिन इसकी आड़ मेें कई अवैध निर्माण भी हुए है। उन्होंने कहा कि समिति की स्थापना वर्ष 2009 में की गई थी, लेकिन उसके बावजूद भी वहां कई निर्माण कार्य हुए ।

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