जयपुर, 25 जून। प्रमुख शासन सचिव, सहकारिता श्री भास्कर ए सावंत ने शुक्रवार को कहा कि जीएसएस एवं केवीएसएस के माध्यम से होने वाले उर्वरक की बिक्री पीओएस मशीन के माध्यम से ही की जाए ताकि उनके स्टॉक की वास्तविक स्थिति से समय के आधार पर राज्य सरकार एवं केन्द्र सरकार को जानकारी मिलती रहे।
श्री सावंत ने बताया कि कई बार उर्वरक बेचा जाता है लेकिन लेन-देन पीओएस मशीन पर नही दिखाया जाता। ऎसे में उर्वरक ऑनलाइन स्थिति में स्टॉक केवीएसएस एवं जीएसएस के पास उपलब्ध दिखाया जाता है। ऎसे मामलों में उर्वरक विभाग राज्य को कम मात्रा में खाद आवंटित करता है। जिससे विशेष रूप से डीएपी खाद की कमी होती है। अतः उन्होंने निर्देश दिए कि इस संबंध में जीएसएस एवं केवीएसएस को उर्वरक बिक्री के लिए पीओएस मशीन पर ही लेन-देन करने के निर्देश दिए जाए।
प्रमुख शासन सचिव ने बताया कि राज्य में 6700 से अधिक ग्राम सेवा सहकारी समितियां एवं 260 से अधिक क्रय विक्रय सहकारी समितियां कार्य करती है। इनमें से करीब 3600 ग्राम सेवा सहकारी समितियां एवं क्रय विक्रय सहकारी समितियां अपने सदस्य किसानों को डीएपी, यूरिया, एसएसपी, एनपीके एवं नाइट्रोफॉस खाद बिक्री की सुविधा उपलब्ध कराती है। राज्य में प्रतिवर्ष करीब 32 लाख टन उर्वरक की बिक्री होती है। इसमें से 10 लाख टन उर्वरक ग्राम सेवा सहकारी समिति एवं क्रय विक्रय सहकारी समिति के माध्यम से किसानों को उपलब्ध कराया जाता है।