जयपुर, 10 मार्च। कृषि मंत्री श्री लालचंद कटारिया ने बुधवार को विधानसभा में कहा कि प्रदेश में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों के वर्ष 2020 तक के बीमा क्लेम की लम्बित राशि का भुगतान 31 मार्च तक कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि योजना के तहत राज्यांश की राशि भी जमा करा दी गई है। उन्होंने बताया कि औसत उपज दर्शाने में विसंगतियों के कारण बीमा कम्पनियों द्वारा भुगतान समय पर नहीं हो सका था। श्री कटारिया प्रश्नकाल में विधायकों द्वारा इस संबंध में पूछे गये पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि चूरू जिले में रबी 2018-19 में बीमा क्लेम की राशि का आने वाले 10 दिनों में भुगतान कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि 746 कृषकों के बीमा क्लेम की राशि 6 करोड 94 लाख रुपये की थी। जिला सांख्यिकी कार्यालय चूरू द्वारा प्रेषित औसत उपज शून्य दर्शाई गई थी। इस विसंगति को लेकर 8 मार्च 2021 को जिला सांख्यिकी कार्यालय व राजस्व विभाग चूरू के कार्मिकों के साथ बैठक आयोजित कर संशोधित औसत उपज प्रेषित करने के निर्देश जिला सांख्यिकी अधिकारी चूरू को प्रदान किये गये। उन्होंने कहा कि आने वाले दस दिनों में इनका भुगतान कर दिया जायेगा। कृषि मंत्री ने बताया कि खरीफ 2019 में कोटा, अजमेर, जालौर व सवाई माधोपुर के 1 हजार 153 कृषकों के 1 करोड 50 लाख रुपये के बीमा क्लेम की राशि 8 मार्च 2021 को कृषकों के खाते में प्रेषित कर दी गई है। उन्होंने बताया कि तकनीकी कारणों से यूनियन बैंक ऑफ इंडिया द्वारा कृषक प्रीमियम निर्धारित सयम सीमा में बीमा कम्पनी को प्रेषित नहीं किया जा सका था, जिसके चलते कम्पनी द्वारा पॉलिसी निरस्त कर दी गई थी। राज्य सरकार द्वारा कृषकों के हित में निरस्त की गई पॉलिसी का पुनः अनुमोदन करवाया गया। उन्होंने बताया कि रबी 2019-20 में चूरू व भीलवाडा जिले के 37 हजार 348 कृषकों के 433 करोड 40 लाख रुपये के बीमा क्लेम की राशि 5 मार्च 2021 को कृषकों के खाते में हस्तांतरित कर दी गई है। उन्होंने बताया कि भीलवाडा व चूरू के 1 लाख 60 हजार कृषकों की 692 करोड 16 लाख रुपये के बीमा क्लेम हैं। बीमा कम्पनी को क्लेम की गणना के लिए जिला कार्यालय द्वारा प्रेषित किये गये औसत उपज के आंकड़ों को बीमा कम्पनी द्वारा विसंगतिपूर्ण मान कर क्लेम की गणना से इंकार कर दिया गया। बीमा कम्पनी के साथ राज्य स्तरीय सलाहकार समिति की बैठक में इस संबंध में चर्चा के बाद बीमा कम्पनी को उपज के आंकड़ों के आधार पर ही क्लेम की गणना के निर्देश दिये गये। बीमा कम्पनी द्वारा प्रकरण केन्द्र सरकार के समक्ष ले जाया गया। केन्द्र सरकार द्वारा भी फरवरी, 2021 में बीमा कम्पनी को राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराये गये आंकडों के आधार पर ही क्लेम देने को कहा गया। उन्हाेंने बताया कि चूरू जिले की 180 करोड के राज्यांश प्रीमियम का भुगतान कर दिया गया है तथा केन्द्र सरकार द्वारा भी केन्द्रांश की राशि दे दी गई है।उन्होंने बताया कि कृषकों को लम्बित बीमा राशि का भुगतान लगातार किया जा रहा है। खरीफ 2020 में भी राज्यांश प्रीमियम के रूप में 900 करोड रुपये जमा करा दिये गये हैंं। इससे पहले विधायक सुश्री दिव्या मदेरणा के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में श्री कटारिया ने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनान्तर्गत किसानों के रबी 2017-18 व खरीफ 2018 के कोई बीमा क्लेम बीमा कम्पनियों के पास लम्बित नहीं है। उन्होंने रबी 2018-19, खरीफ 2019 तथा रबी 2019-20 के लम्बित बीमा क्लेमों का विवरण तहसीलवार संख्या सूची सदन के पटल पर रखी। उन्होंने बताया कि इन लम्बित क्लेम प्रकरणों में प्रीमियम राज्यांश भुगतान पूर्व में किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि खरीफ 2019 व रबी 2019-20 में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनान्तर्गत राज्य के विभिन्न हितधारियों, वित्तीय संस्थानों तथा जन प्रतिनिधियों से निश्चित समयावधि में राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल पर डेटा अपलोड नहीं होने संबंधी सूचना तथा बीमा पोर्टल को डेटा प्रविष्ठि हेतु पुनः खोलने का अनुरोध प्राप्त हुआ। अनुरोध के आधार पर राज्य सरकार द्वारा राष्ट्रीय बीमा पोर्टल पर अपलोड होने से लम्बित हुये डेटा की प्रविष्ठि हेतु भारत सरकार को अनुरोध किया गया। उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा राज्य सरकार के अनुरोध को स्वीकार कर खरीफ 2019 के लिये बीमा पोर्टल दिनांक 9 से 31 अक्टूबर 2019 व 16 मार्च से 26 मार्च 2020, एवं 02 से 10 नवम्बर 2020 को तथा रबी 2019-20 के लिये 20 से 27 अप्रैल 2020 को पुनः खोला गया और विभिन्न वित्तीय संस्थानों द्वारा पोर्टल पर प्रविष्टियां दर्ज की गई। उन्होंने खरीफ 2019, रबी 2019-20 व खरीफ 2020 में जोधपुर जिले की ओसियां, तिंवरी एवं बावड़ी के कुल बीमित ऋणी व अऋणी किसान तथा बीमित किसानों से काटी गई प्रीमियम राशि का विवरण सदन के पटल पर रखा।