प्रदेश में वन्य जीवों के शिकार की घटनाओं में निरन्तर कमी-वन राज्य मंत्री

जयपुर, 12 मार्च। वन राज्य मंत्री श्री सुखराम विश्नोई ने शुक्रवार को विधानसभा में कहा कि प्रदेश में वन्य जीवों के शिकार की घटनाओं में निरन्तर कमी आई है। उन्होंने कहा कि रणथम्भौर और सरिस्का में बाघों के संरक्षण और शिकार की रोकथाम के लिए कैमरा से गहन मॉनिटरिंग की जाती है। साथ ही जहां-जहां आबादी है,वहां दीवार निर्माण और फैंसिंग कर समुचित इंतजाम किये जाते हैं। उन्होंने कहा कि दोनों ही स्थानों पर अतिरिक्त सतर्कता के तहत स्वीकृत पदों से अधिक कार्मिक नियुक्त किये गये हैं।  श्री विश्नोई प्रश्नकाल में विधायकों द्वारा इस संबंध में पूछे गये पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने बताया कि वन्य जीवों के संरक्षण के लिए राज्य सरकार द्वारा हाई लेवल इंटर एजेंसी को-ऑर्डिनेशन कमेटी भी बनाई गई है। उन्होंने बताया कि रणथम्भौर बाघ परियोजना में कुल 345 कार्मिकों के विरूद्ध 371 कार्मिकों की नियुक्ति की गई हैं, जिनमें से 175 वन विभाग के, 64 एसटीपीएफ स्टाफ, 110 होम गार्ड तथा 22 बोर्डर होम गार्ड हैं। इसी प्रकार सरिस्का में 281 पदों के विरूद्ध 346 कार्मिक कार्यरत है। उन्होंने बताया कि गत 3 वर्षों में शिकार के मामलों में निरन्तर कमी आई है। भरतपुर, सवाई माधोपुर, अलवर तथा कोटा में वर्ष 2017-18 में शिकार के 55 मामले सामने आये थे वहीं वर्ष 2018-19 में 48 मामले तथा वर्ष 2019-20 में शिकार की 41 घटनायें हुई हैं।  इससे पहले विधायक श्री सतीश पूनियां के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में श्री विश्नोई ने बताया कि  प्रदेश के राष्ट्रीय उद्यान एवं बाघ परियोजनाओं में विगत 2 वषोर्ं में शिकार की घटनाओं में वृद्धि नहीं हुयी है। उन्होंने रणथम्भौर नेशनल पार्क एवं सरिस्का टाईगर रिजर्व में बाघ व दूसरें वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए स्वीकृत, कार्यरत व रिक्त फील्ड का श्रेणीवार पदवार विवरण तथा विगत 2 वषोर्ं में वन्य जीवों के शिकार की घटनाओं की प्रभावी रोकथाम हेतु उठाये गये कदम की जानकारी सदन के पटल पर रखी।
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