जयपुर, 3 मार्च। ऊर्जा मंत्री डॉ. बी.डी.कल्ला ने बुधवार को विधानसभा में बताया कि ई-मित्र प्लस मशीनों के जरिये विभिन्न प्रकार के प्रमाण पत्र बनाने की सुविधा के साथ-साथ आमजन को वीडियों कॉन्फ्रेसिंग से जोड़कर राज्य सरकार की योजनाओं के बारे में बताया जाता है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 14891 ई-मित्र प्लस मशीनों में से 14811 मशीनों पर कार्य शुरू हो चुका है तथा शेष 80 मशीनों पर कार्य नवगठित ग्राम पंचायतों पर भारत निर्माण राजीव गांधी केंद्र भवन नहीं बनने एवं बिजली एवं नेटवर्क कनेक्टिविटी की व्यवस्था नहीं होने के कारण नहीं हो पाया है। इसके लिए विभाग ने पंचायती राज विभाग से समन्वय स्थापित कर भवन तैयार होने के बाद मशीनों की स्थापना कर उनको क्रियाशील करने की कार्यवाही की जा रही है। डॉ. कल्ला प्रश्नकाल के दौरान विधायक श्री जगसीराम के पूरक प्रश्न का सूचना प्रौद्योगिकी एंव संचार मंत्री की ओर से जवाब देते हुए बताया कि जिन ई-मित्र कियोस्कों के शिकायत मिलती है, उनके खिलाफ कार्यवाही करते है। इनमें ई-मित्र संचालक फर्म की पहली बार शिकायत पर 7 से 15 दिन तक निलंबित कर 1 हजार से 5 हजार रुपये तक पेनल्टी, दूसरी बार शिकायत पर 15 से 30 दिन तक निलंबित कर 10 हजार से 50 हजार रुपये तक पेनल्टी और तीसरी बार शिकायत मिलने पर उसे हटा दिया जाता है। फिर भी किसी फर्म को तीसरी बार शिकायत मिलने के बावजूद काम मिला हुआ है और जानकारी में लाया जाता है तो उनकी जांच कराकर कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने बताया कि जिस ग्राम पंचायत में मशीनें खराब है, उससे संबंधित पंचायत समिति में फर्म द्वारा नियुक्त व्यक्ति तुरंत मौके पर जाकर मशीन दुरूस्त करता है। इसके अलावा ई-मित्र संचालन के लिए समय-समय जिला कलक्टर स्तर पर मॉनिटिरिंग हो रही है। इससे पहले डॉ. कल्ला ने विधायक श्री जगसीराम के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में बताया कि विभाग को ई-मित्र कियोस्कों द्वारा ई-मित्र के माध्यम से प्रदान की जा रही सेवाओं हेतु निर्धारित शुल्क से अधिक राशि वसूली एवं फर्जी दस्तावेजों की शिकायतें प्राप्त हुई है। जोधपुर संभाग में जनवरी 2019 से फरवरी 2021 तक निर्धारित राशि से अधिक राशि लिये जाने की 170 एवं फर्जी दस्तावेजों से संबंधित 3 शिकायतें प्राप्त हुई है। इनमें से 156 ई-मित्र कियोस्कों पर शास्ति लगाने एवं अस्थायी रूप से बंद करने की कार्यवाही की गई है। साथ ही 17 ई-मित्र कियोस्कों को स्थायी रूप से बंद कर दिया गया है।
उन्हाेंने बताया कि सरकार ने प्रदेश की ग्रामीण एवं शहरी जनता और सरकार को टेक्नोलॉजी के माध्यम से जोड़े जाकर ई-मित्र की सेवाएं सेल्फ सर्विस कियोस्क से प्रदान करने के उदेश्य से 9891 ई-मित्र प्लस मशीने ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम पंचायत स्तर तक 198 करोड़ रुपये राशि की लागत से स्थापित की गयी। साथ ही 5000 ई-मित्र प्लस मशीनें शहरी क्षेत्र में 119 करोड़ रुपये राशि की लागत से स्थापित की गई है। इस तरह कुल 14 हजार 891 ई-मित्र प्लस मशीनें प्रदेश में 317 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित की गई है। इसी लागत में इन मशीनों के उचित रखरखाव के लिए 3 वर्ष तक के रखरखाव की व्यवस्था करके दो फर्मों के माध्यम से मशीनों का रख रखाव करवाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के ई-मित्र की कार्य प्रणाली में सुधार के लिए विभाग ने नई ’एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट’ (ईओआई) 1 जनवरी 2021 से लागू कर दी गई है। इससे स्थानीय सेवा प्रदाता तथा ई-मित्र कियोस्क धारक की जवाबदेही तय की गई है। इसके द्वारा ई-मित्र कियोस्क धारकों को प्रति 3 माह में प्रशिक्षण प्रदान नहीं करने, ई-मित्र कियोस्क द्वारा रेट लिस्ट नहीं लगाने, नागरिकों को सेवा देने से मना करने, माह में 1 भी लेन-देन नहीं करने, इत्यादि पर ई-मित्र कियोस्क पर शास्ति लगाने का प्रावधान किया गया है। डॉ.कल्ला ने बताया कि जिला व ब्लाक कार्यालय अधिकारियों की ओर से ई-मित्र की कार्य प्रणाली के संबंध में नियमित रूप से बैठकें की जाती रही है और आगे भी नियमित रहेगी। ई-मित्र प्लस मशीनों की अधिकतम उपयोगिता विभाग द्वारा सुनिश्चित की जा रही है। इनके आमजन द्वारा उपयोग में ली गई ई-मित्र सेवाओं के लगभग 31 लाख से अधिक तथा जनसूचना पोर्टल-2019 की सूचनाओं के लगभग 1 लाख 58 हजार से अधिक ट्रांजेक्शन किये जा चुके है। उन्होंने बताया कि ई-मित्र प्लस (ग्रामीण) मशीनों के माध्यम से उक्त कार्यो के अलावा राज्य सरकार की विभिन्न परियोजनाओं की समीक्षा, प्रशिक्षण आदि मशीनों के द्वारा वीडियाें कॉन्फ्रेंसिग के माध्यम से उपयोग किया जा रहा है। साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य स्तरीय एवं जिला स्तरीय संवाद, वेबिनार इत्यादि का प्रसारण आमजन के लिए किया जा रहा है। ई-मित्र प्लस मशीन के उपयोग में लगातार वृद्धि हो रही है।