..पूरा हुआ बीस वर्षों का सफर

पाक्षिक मारवाड़ का मित्र के प्रकाशन के बीस वर्ष पूरे हो गये हैं। आज से पाक्षिक मारवाड़ का मित्र बीसवें वर्ष में प्रवेश कर रहा है। जनवरी 2003 को इसका पहला अंक प्रकाशित हुआ था। इसके बाद सतत रूप से जालोर जिले पर आधारित और केंद्रित खबरों का प्रकाशन पाक्षिक मारवाड़ का मित्र के द्वारा किया जाता रहा है।
शुरूआती दौर में प्रकाशन के दौरान अनेक बाधाएं भी प्रबंधन के समक्ष उत्पन्न की गयीं। इन बीस सालों में मारवाड़ का मित्र के द्वारा ईमानदारी और विशुद्ध पत्रकारिता के अनेक उदाहरण प्रस्तुत किये गये हैं। आज पाठक इस बात से भली भांति परिचित हैं कि मारवाड़ का मित्र के द्वारा कभी भी और किसी भी तरह का अनैतिक दबाव किसी पर भी नहीं बनाया गया है। यह आप सभी का प्रेम, विश्वास और स्नेह ही था कि बीस वर्षों में पाक्षिक मारवाड़ का मित्र ने अपना एक अलग स्थान बना लिया है।
मारवाड़ का मित्र ने सतत खोजी, निर्भीक, साफ-सुथरी, स्थानीय स्तर की खबरों का प्रकाशन कर यह साबित करने का प्रयास किया है कि स्थानीय स्तर के अखबारों में स्थानीय विषयों को प्रमुखता के साथ उठाया जाना चाहिये। मारवाड़ का मित्र के द्वारा स्थानीय स्तर पर संपादकीय का सतत प्रकाशन के साथ ही मारवाड़ का मित्र में देश भर के चुने हुए वरिष्ठ पत्रकारों, स्तंभकारों आदि के सारगर्भित और समसामयिक आलेखों का प्रकाशन किया जा रहा है।
हमें यह कहने में कोई संकोच नहीं है कि इन बीस वर्षों में मारवाड़ का मित्र सिर्फ एक अखबार ही नहीं वरन, जन-जन की अभिव्यक्ति और मारवाड़ आंचल का प्रमुख पाक्षिक समाचार पत्र बन गया है। हमारा यह प्रयास रहा है कि हमारे द्वारा जनहित में स्थानीय स्तर के ज्वलंत मुद्दों को वजनदारी के साथ उठाया जाये।
हमारा यह प्रयास भी रहा है कि मारवाड़ का मित्र की खबरें प्रमाणिकता से सराबोर रहें। बेकार, काल्पनिक, वैमनस्यतापूर्ण, पत्रकारिता के मान्य सिद्धांतों से इतर खबरों से परहेज किया जाये। हम अपना आँकलन खुद भी करते हैं और हमारी गलतियों से रूबरू कराने वालों का सदा ही मारवाड़ का मित्र प्रबंधन ने स्वागत किया है। कम समय में मारवाड़ का मित्र की कामयाबी का श्रेय निश्चित तौर पर सुधी पाठकगणों के समय-समय पर मिलने वाले मार्गदर्शन के साथ ही साथ मारवाड़ का मित्र के कार्यालयीन सहयोगियों, प्रसार, विज्ञापनदाताओं, विज्ञापन अभिकर्ताओं, क्षेत्रीय प्रतिनिधियों सहित सभी सहयोगियों की कर्मठता एवं जीवटता को जाता है।
आज महंगाई के इस युग में समाचार पत्र का प्रकाशन वह भी ईमानदारी और सच्चाई के साथ, बेहद दुष्कर कार्य ही है। फिर भी मारवाड़ का मित्र प्रबंधन के द्वारा गीता के ब्रह्म वाक्य कि कर्म किये जा फल की चिंता न कर, को अपनाकर अपने पथ पर लगातार ही अग्रसर हुआ जा रहा है। हो सकता है कि कई बार मारवाड़ का मित्र की खबरों से किसी का दिल भी दुखा होगा पर हम यह बात पूरी जिम्मेदारी के साथ कह सकते हैं कि जब भी इस तरह की कोई बात हुई होगी और जिसका भी दिल दुखा होगा, उसने अगर आत्म मंथन किया होगा तो पाया होगा कि मारवाड़ का मित्र ने सदा ही समाज, जिला, प्रदेश और देश हित में ही खबरों का प्रकाशन किया है। मारवाड़ का मित्र वर्तमान में जिला स्तरीय अखबार है इसलिये हमारी कोशिश होती है कि इसमें जिला स्तर की खबरों को ही प्राथमिकता दी जाये। देश-प्रदेश की वे खबरें जो जालोर के पाठकों के लिये बहुत जरूरी हैं उनको ही अखबार में स्थान दिया जाता है। यही कारण है कि सियासी दलों की देश-प्रदेश पर केंद्रित विज्ञप्तियों को अखबार में स्थान नहीं मिल पाता है। मारवाड़ का मित्र के कर्तव्यबोध की रगों में सुधि पाठकों के विश्वास का लहू ही कलम में रोशनाई के मानिंद बह रहा है। यही एक आधार है जिसके चलते मारवाड़ का मित्र अपना भाल ऊँचा रखने का साहस, शक्ति और धैर्य जुटा पाता है। हम आपसे वायदा करते हैं कि मारवाड़ का मित्र पत्रकारिता के मान्य सिद्धांतों, आदर्शों एवं मापदण्डों को अक्षुण्य रखते हुए आपकी हर कसौटी पर खरा उतरने का प्रयास करेगा। आज मारवाड़ का मित्र की बीसवीं वर्षगांठ पर कोटि: कोटि: बधाई, आप सभी का आभार, वंदन, अभिनंदन . . .।
…….प्रकाश वैष्णव

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