बाड़मेर, 4 अक्टूबर । जिले मे रबी फसलों की बुवाई प्रारम्भ होने वाली है। जिले मे अधिकांश कृषकों द्वारा डीएपी एवं यूरिया उर्वरकों का प्रयोग किया जाता है। सिंगल सुपर फॉस्फेट एक फॅारफोरस युक्त उर्वरक है जिसमे 16 प्रतिषत फॅरफोरस एवं 11 प्रतिशत सल्फर की मात्रा पाई जाती है। सल्फर के कारण यह उर्वरक तिलहनी फसलों एवं जीरे मे अन्य उर्वरकों की अपेक्षा अधिक लाभदायक है।
उप निदेशक कृषि (विस्तार) वीरेन्द्रसिंह सोलंकी ने बताया कि एसएसपी डीएपी के अपेक्षा सस्ता एवं बाजार मे आसानी से उपलब्ध है, प्रति बैग डीएपी मे 23 किग्रा फॉस्फोरस एवं 9 किग्रा नत्रजम पाई जाती है। फॉस्फोरस, नत्रजम एवं सल्फर उपलब्ध कराने के लिये डीएपी व सल्फर के विकल्प के रूप मे यदि एसएसपी यूरिया का उपयोग किया जाता है तो कम मूल्य पर अधिक पोषक तत्व उपलब्ध कराया जा सकता है। इसके लिये एक बैग डीएपी व 16 किग्रा सल्फर के विकल्प के रूप मे 3 बैग एसएसपी व 1 बैग यूरिया का प्रयोग किया जाता है तो कम मूल्य पर अधिक नाइट्रोजन फॉस्फोरस एवं सल्फर प्राप्त किया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि सरसो के दाने सूडोल बनाने व तेल की मात्रा एवं उत्पादन बढाने तथा जीरे मे दाना मोटा, चमकिला एवं अधिक सुगंधित बनाने हेतु डीएपी के स्थान पर सिंगल सुपर फॉस्फेट एवं यूरिया का उपयोग सस्ता एवं अधिक कारगर होता है।