बाड़मेर जिले मे पिछले 6 सालों से नहीं हो पाई है स्क्रीनिंग

  • जिलेभर की पैक्स/लैम्प्स में कार्यरत कर्मचारियों का स्क्रीनिंग के माध्यम से नियमितकरण के इंतजार मे गुजरे 6 साल
  • सहकारिता विभाग की मनमानी से परेशान हो रहे सहकारी समितियों मे कार्यरत सैकड़ो कार्मिक

बाड़मेर. सहकारिता विभाग के अधिकारियों की मनमानी से सीमावर्ती जिले बाड़मेर मे केन्द्रीय सहकारी बैंक के अधीन संचालित 292 ग्राम सेवा सहकारी समितियों में से 151 पैक्स में पिछले 6 सालों से कार्यरत कर्मचारियों का स्क्रीनिंग के माध्यम से नियमितकरण नहीं होने से जिले की 151 पैक्स में कार्यरत कर्मचारी अपने हक से वंचित हैं। इसका कारण है केन्द्रीय सहकारी बैंक बाड़मेर के तत्कालीन पदस्थापित अधिकारियों की अनदेखी व जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा। आलम यह है कि इन पैक्स कर्मचारियों का नियमितकरण करने वाली जिला स्तरीय स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक पिछले छः वर्षो से नहीं होने पर जिलेभर की ग्राम सेवा सहकारी समितियों के कार्यरत कर्मचारियों के स्क्रीनिंग नियमितकरण के प्रकरण केन्द्रीय सहकारी बैंक में धूल फांक रहे हैं। गौरतलब है कि सहकारिता विभाग के माध्यम से समिति स्तर पर नियुक्त कार्मिक के स्थायीकरण के जिलेभर मे 151 मामले लंबित हैं। इधर, सहकारिता विभाग ने गत वर्षो में स्क्रीनिंग के माध्यम से नियमितिकरण करने के निर्देश भी दिए जाते रहें हैं। लेकिन केन्द्रीय सहकारी बैंक बाड़मेर मे जिला स्तरीय स्क्रीनिंग कमेटी की निम्नानुसार प्रक्रिया पूर्ण नहीं होने के कारण कार्यरत पैैक्स कार्मिको को कई सालों से फिक्स वेतन में ही काम कर पड़ रहा है। गौरतलब है कि ग्राम सेवा सहकारी समितियों में कार्यरत कर्मचारियों का जिला स्तरीय स्क्रीनिंग कमेटी के माध्यम से नियमितकरण कर कार्यरत समिति में ही नियुक्ति के बाद ही पूरा वेतन मिलता है।

6 साल से नहीं हुई जिला स्तरीय स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक

राज्य की पैक्स/लैम्प्स प्राथमिक कृषी ऋणदात्री सहकारी समितियां/ वृहत बहुउदेशीय सहकारी समितियों के कर्मचारियों की चयन, नियुक्ति व सेवा शर्ते-2008 समिति द्वारा नियुक्त संबधित कार्यरत कर्मचारियों का स्क्रीनिंग के माध्यम से नियमितकरण के तहत पिछले वर्षो 2016 के पश्चात बाड़मेर जिले में स्क्रीनिंग के माध्यम से नियमितकरण नहीं होने के कारण 151 कार्यरत पैक्स कार्मिक अपनें हकों से वंचित है।

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