गौशालाओं को वर्ष 2020-21 में 274.25 करोड रुपये का अनुदान- गोपालन मंत्री

जयपुर, 17 मार्च। गोपालन मंत्री श्री प्रमोद जैन भाया ने बुधवार को विधानसभा में कहा कि जैसलमेर को छोड़कर सभी जिलों की गौशालाओं को वर्ष 2020-21 की अनुदान राशि का पहली तिमाही अप्रेल, मई व जून का पूरा भुगतान किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि जैसलमेर जिले में भी राशि स्थानान्तरित की जा चुकी है। इस संबंध में अन्य औपचारिकताओं के कारण वितरण का काम किया जाना शेष है। उन्हाेंने बताया कि गौशाला अनुदान के रूप में वर्ष 2020-21 में 274.25 करोड रुपये दिये गये हैं।
गोपालन मंत्री प्रश्नकाल में विधायकों द्वारा इस संबंध में पूछे गये पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने बताया कि वर्तमान सरकार गौवंश के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए प्रयत्नशील है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार गाय पर राजनीति करने की बजाए गौ वंश के संरक्षण के लिए काम करती है। उन्होंने बताया कि हमारी सरकार द्वारा वर्ष 2013 में सबसे पहले गौवंश के लिए अनुदान देने की शुरूआत कर 83.80 करोड़ रुपये की राशि दी गई थी। विगत सरकार द्वारा तीन वर्षों में मात्र 506 करोड रुपये का अनुदान गौवंश के लिए दिया गया, जबकि वर्तमान सरकार द्वारा 1 हजार 25 करोड़ रुपये दिये गये हैं। इसी प्रकार गत सरकार के समय मात्र 1 हजार 445 गौशालाओं को सहायता दी गई, जबकि वर्तमान सरकार  द्वारा यह संख्या बढ़ाकर 2 हजार 18 गौशालाओं को सहायता दी जा रही है।
श्री भाया ने बताया कि विगत सरकार द्वारा बड़े पशु पर 32 रुपये तथा छोटे पशु पर 16 रुपये के अनुदान का प्रावधान था, जिसे वर्तमान सरकार ने बढ़ाकर छोटे पशु पर 20 रुपये तथा बड़े पशु पर 40 रुपये कर दिया है। इसके अतिरिक्त पिछली सरकार के समय पंजीकृत गौशालाओं में लगभग 6.5 लाख गौवंश थे, जबकि वर्तमान सरकार में 9 लाख गौवंश की देखभाल की जा रही है। पिछली सरकार के समय नंदी गौशाला की जो व्यवस्था की गई थी उसमें मात्र 50 लाख रुपये प्रति नंदी गौशाला के लिये देने का प्रावधान किया गया था। उन्होंने बताया कि वर्तमान सरकार द्वारा बजट घोषणा में पंचायत समिति स्तर पर नंदी गौशाला योजना के तहत डेढ़ करोड़ रुपये दिये जाएंगे।
इससे पहले विधायक श्री वासुदेव देवनानी के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में उन्होंने बताया कि प्रदेश में अनुदान हेतु पात्र गौशालाओं की संख्या 2018 है। गौ संरक्षण एवं संवर्धन निधि नियम 2016 के अन्तर्गत एक वित्तीय वर्ष में अधिकतम 180 दिवस की सहायता राशि दो चरणों में 90-90 दिवसों हेतु पात्र गौशालाओं में संधारित गौवंश के भरण पोषण के लिये वर्तमान में बडे गौवंश हेतु 40 रुपये तथा छोटे गौवंश हेतु 20 रुपये प्रतिदिन प्रति गौवंश की दर से दिये जाने का प्रावधान है।
उन्होंने बताया कि अजमेर जिले में गौशालाओं को वर्ष 2020 में अनुदान दिया जा चुका है। उन्हाेंने वर्ष 2019-20 के द्वितीय चरण (जनवरी, फरवरी,मार्च 2020) तथा प्रथम चरण 2020-21 (अप्रेल,मई,जून 2020) में पात्र गौशालाओं को दिये गये अनुदान का विवरण तथा वित्तीय वर्ष 2018-19, 2019-20 एवं 2020-21 में दी गई सहायता राशि का जिलेवार विवरण सदन के पटल पर रखा।
गोपालन मंत्री ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2018-19 से सहायता राशि की अवधि 90 दिवस से बढाकर एक वित्तीय वर्ष में अधिकतम 180 दिवस की सहायता राशि दो चरणों में 90-90 दिवसों हेतु पात्र गौशालाओं में संधारित गौवंश के भरण पोषण हेतु दिये जाने का प्रावधान किया गया ।
उन्हाेंने बताया कि गौ संरक्षण एवं संवर्धन निधि नियम 2016 अन्तर्गत गौशाला/कांजी हाउस में संधारित गौवंश केे भरण पोषण हेतु वित्तीय वर्ष 2019-20 से सहायता राशि बढ़ाकर छोटे गौवंश हेतु 16 रुपये से 20 रुपये तथा बडे़ गौवंश हेतु 32 रुपये से बढ़ाकर 40 रुपये, प्रतिदिन प्रति गौवंश की दर से दिये जाने का प्रावधान किया गया।
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