फसल बीमा योजनान्तर्गत बैको को प्राप्त सर्विस चार्ज पर कुंडली मार कर बैठा जिला सहकारी बैक

जालोर । वित्तीय संकट से जूझ रही जिले की ग्राम सेवा सहकारी समितियों को डुबोने का काम करने वाले बैक कर्मचारी किस तरह से सर्विस चार्ज की रकम पर कुंडली मारकर बैठे हैं, इसका उदाहरण जालोर जिला का केन्द्रीय सहकारी बैक है, जहां प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनान्तर्गत प्राप्त सर्विस चार्ज कृषक द्वारा देय प्रीमियम का 4 प्रतिशत का केन्द्रीय सहकारी बैक व पैक्स/ लेम्पस के माध्यम 25ः75 प्रतिशत के अनुपात मे विभाजित किये जाने के संबंध में जारी अधिकारिक आदेश अनुसार उक्त क्रम मे यह स्पष्ट किया गया है कि कमीशन भुगतान की व्यवस्था लागू होने की दिनांक से पैक्स/ लेम्पस को विभाजन अनुसार देय होने का प्रावधान होने के बावजूद सर्विस चार्ज की रकम बैक ने दबा रखी है। गौरतलब है कि जिले की विभिन्न ग्राम सेवा सहकारी समितियों के अंतर्गत प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना मे देय सर्विस चार्ज का कमीशन वर्षो से बकाया होने के बाद भी बैक के अधिकारियों के कान में जूं भी नहीं रेंग रही है। चौंकाने वाली बात यह है कि हर वर्ष प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अन्तर्गत किसान की बीमा पॉलिसी सृजित करने के लिए आदेश समितिया मे जारी किए जाते रहे हैं जबकि देय सर्विस चार्ज की राशि वर्षों से जिले की पैक्स/ लेम्पस मे जमा नहीं हो पाई है, जबकि बैक द्वारा खरीफ -रबी ऋण वितरण के समय ऋण्ी सदस्यों की बीमा पॉलिसी बीमा पोर्टल पर सृजित करने का आवंटन किया जाता रहा है! जिले की पैक्स ग्राम सेवा सहकारी समितिया को देय सर्विस चार्ज के हजारों रुपए बकाया होने के बावजूद भी जिला सहकारी बैक डंके की चोट पर हर वर्ष फसल बीमा पॉलिसी पोर्टल पर अपलोड करवाकर सर्विस चार्ज आंवटन नहीं कर समितियों के राजस्व को चूना लगा रहे हैं। फसल बीमा के सर्विस चार्ज की राशी पैक्स को देय कों लेकर राजस्थान सहकारी कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष हनुमानसिंह राजावत, प्रबंध निदेशकों केन्द्रीय सहकारी बैंक व वर्तमान बैंक प्रशासक एवं जिला कलेक्टर जालोर से भी इस मामलें को लेकर ज्ञापनों के माध्यम से गुहार लगा चुके हैं।

जिला सहकारी बैक ने दबाए वर्ष 2016 से सर्विस चार्ज

जालोर जिले मे ग्राम सेवा सहकारी समितियां द्वारा वर्ष 2016 से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अन्तर्गत समितिया के ऋणी सदस्यो का बीमा प्रीमियम काटकर केन्द्रीय सहकारी बैंक जालोर के माध्यम से अधिकृत बीमा कंपनी को भेजे जाने पर पिछले वर्षों में जिले के किसानो कों फसल बीमा क्लेम की राशी मिलती रही है। कृषि विभाग जालोर से मिली जानकारी के अनुसार कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना वर्ष 2016 में प्रारम्भ हुई थी। खरीफ वर्ष 2016 में 2.05 लाख कृषकों को 186.09 करोड रु., रबी 2016-17 में 36000 कृषकों 34.76 करोड़ रु. खरीफ 2017 में 2.09 लाख कृषकों को 196.76 करोड रु., रबी 2017-18 में 7000 कृषकों को 21.47 करोड़ रु, खरीफ 2018 में 1.94 लाख कृषकों को 265.08 करोड़ रु, रबी 2018-19 मे 19812 कृषकों को 11.03 करोड़ रु. रबी 2019-20 में टिड्डी से फसल प्रभावित होने पर 14863 कृषकों कों 19.31 करोड़ रु, वही 48794 बीमा पॉलिसीज पर 100,78 करोङ सम्बन्धित बीमा कम्पनी द्वारा मुआवजा के रुप में कृषकों को भुगतान किया गया है।

error: Content is protected !!